अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 04 May 2022 01:40 PM IST
सार
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के प्रत्येक विद्यार्थी और शिक्षकों को ई-मेल आईडी बनानी होगी। 15 मई तक इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है।

यूपी बोर्ड
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
यूपी बोर्ड के राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 के सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों की ई-मेल आईडी बनवाई जाएगी। विद्यालयों को इसके लिए 15 मई तक का समय दिया गया है। विद्यार्थियों और शिक्षकों से जुड़ी माध्यमिक शिक्षा परिषद और विभागीय सूचनाएं सीधे इनके पास ई-मेल के माध्यम से पहुंचेगी।
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल के मुताबिक विद्यालयों से जुटाई गई सूचना के मुताबिक 30 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों के पास पहले से ई-मेल आईडी है, जो विद्यार्थी रह गए हैं, उनकी ई-मेल आईडी बनवानी है। जिला विद्यालय निरीक्षकों को सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा में तकनीकी को दिया जा रहा बढ़ावा
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि ई-मेल आईडी मांगे जाने के पीछे शिक्षकों और विद्यार्थियों से सीधा संवाद करना है। शिक्षा में तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इंटरमीडिएट हिंदी के मूल्यांकन में आएगी तेजी
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की कॉपियों के मूल्यांकन में अब कुछ तेजी आ जाएगी। हाईस्कूल की कॉपियों का मूल्यांकन करने वाले 11 अर्ह शिक्षक इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए रिलीव कर दिए गए हैं। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल के निर्देश पर जिस मूल्यांकन केंद्र पर हाईस्कूल की कॉपियों का मूल्यांकन किया जा रहा था, उसके उपनियंत्रक ने 11 अर्ह परीक्षकों को इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए रिलीव किया है।
72 परीक्षक किए गए नियुक्त
परीक्षकों के नाम इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की कॉपियों का मूल्यांकन करा रहे उपनियंत्रक को भेज दी है। इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड स्तर से 72 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं, इनमें से महज 11 परीक्षकों ने अभी तक उपस्थिति दर्ज कराई है। उप नियंत्रक की ओर से 12 परीक्षकों को अपने स्तर से नियुक्त किया गया। अब 11 और परीक्षकों के मिलने से संख्या 34 हो गई है। हिंदी के कॉपियों के मूल्यांकन में तेजी आ जाएगी। इसका मूल्यांकन कार्य अभी तक पिछड़ा हुआ था।