आतंकी कर रहे बुलेटप्रूफ जैकेट भेदने वाली गोलियों का इस्तेमाल, कश्मीर में अफगानिस्तान से पहुंचे अमेरिकी हथियार

एएनआई, नई दिल्ली
Published by: विमल शर्मा
Updated Thu, 05 May 2022 12:38 AM IST

सार

सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में कवच भेदी गोलियों के बुलेटप्रुफ जैकेट को भेदने की बात सामने आई थी। इसके बाद सेना ने इन गोलियों के खतरे से निपटने के लिए उपाय खोजना शुरू कर दिया है।

सुरक्षाबल नौगाम में मुठभेड़ के दौरान

सुरक्षाबल नौगाम में मुठभेड़ के दौरान
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ के दौरान जवानों के बुलेटप्रूफ जैकेट भेदने वाली अमेरिकी कवच भेदी गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गोलियां अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियारों का हिस्सा बताई जा रही हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आतंकवादियों ने मेड इन कनाडा नाइट साइट्स का उपयोग भी किया है। यह अमेरिकी सैनिकों का बचा हुआ स्टॉक है।

सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में इस गंभीर मुद्दे पर हुई थी चर्चा 

इस गंभीर मुद्दे पर सेना के शीर्ष अधिकारियों ने अप्रैल में आयोजित सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में चर्चा की थी। कवच भेदी गोलियां बुलेटप्रुफ जैकेट को भेद देती हैं। इससे मुठभेड़ में शामिल सैनिकों के लिए समस्याएं पैदा हो रही हैं। सेना ने भी इन गोलियों से खतरे से निपटने के लिए उपाय खोजना शुरू कर दिया है।

अब स्तर 4 जैकेट का इस्तेमाल करेंगे जवान 

चिनार कोर के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने इन गोलियों का इस्तेमाल किया और कुछ बुलेटप्रूफ जैकेटों को भेद दिया है। अब तक जवान स्तर 3 जैकेट का उपयोग कर रहे थे। इस घटना के बाद अब स्तर 4 जैकेट का इस्तेमाल किया जाएगा। जो इन गोलियों का मुकाबला कर सकते हैं। 

अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल आतंकवादी घाटी में कर रहे

इससे पहले भी आशंका जताई गई थी कि अफगानिस्तान में बचे हुए अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल आतंकवादी घाटी में कर रहे हैं। इसमें संचार उपकरण और अन्य हथियार शामिल हैं। मुठभेड़ के दौरान कश्मीर में आतंकियों से अमेरिकी एम-16 असॉल्ट राइफलें और एम-4ए कार्बाइन मिल चुकी हैं। 

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