सार
सुरक्षा बलों के अनुसार, अप्रैल में हुए 14 एनकाउंटर में से 13 एनकाउंटर कश्मीर में हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले एक बड़ी मुठभेड़ जम्मू क्षेत्र में हुई थी।
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विस्तार
जम्मू-कश्मीर में सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने सटीक इंटेलिजेंस और त्वरित कार्रवाई के बलबूते आतंकियों को उनके ठिकाने पर घुसकर मारा। इस साल पहले चार माह में सुरक्षा बलों ने 64 आतंकियों को खत्म कर दिया। अप्रैल माह में रिकॉर्ड 14 एनकाउंटर हुए हैं। इनमें 23 आतंकी मारे गए। दो जवान शहीद हुए हैं। खास बात ये है कि मारे गए आतंकियों में से 39 आतंकी, पाकिस्तान एवं आईएसआई समर्थित ‘लश्कर-ए-तैयबा’ संगठन से जुड़े थे।
कश्मीर में हुए सर्वाधिक एनकाउंटर
सुरक्षा बलों के अनुसार, अप्रैल में हुए 14 एनकाउंटर में से 13 एनकाउंटर कश्मीर में हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले एक बड़ी मुठभेड़ जम्मू क्षेत्र में हुई थी। जनवरी से अप्रैल तक कश्मीर डिविजन में 62 आतंकी और जम्मू में दो आतंकियों को खत्म किया गया है। मारे गए 64 आतंकियों में से 17 आतंकी नॉन लोकल यानी विदेशी थे। बाकी 47 आतंकी स्थानीय थे। इनमें 39 आतंकी ‘लश्कर-ए-तैयबा’, जैश-ए-मोहम्मद के 17 आतंकी, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के छह आतंकी और अल बदर समूह के दो आतंकी शामिल हैं।
कब, कहां पर मारे कितने आतंकी
- 1 अप्रैल: लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ताक मोहल्ला शोपियां निवासी शाह मोहम्मद शेख तुर्कवांगम में हुई मुठभेड़ में मारा गया।
- 6 अप्रैल: लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए। इनमें उमर नबी तेली उर्फ तल्हा निवासी लड्डू ख्रेव और शफत मुजफ्फर सोफी उर्फ मुआविया निवासी बटागुंड त्राल अरिगम त्राल में एक मुठभेड़ में मारे गए।
- 7 अप्रैल: शोपियां के हरिपोरा इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच छोटी सी मुठभेड़ हुई थी। यहां आतंकी सुरक्षा बलों को चकमा देने में कामयाब रहे।
- 9 अप्रैल: एक आतंकी सिरहामा अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में मारा गया। आतंकवादी की पहचान लश्कर के कमांडर निसार अहमद डार उर्फ मुसैब निवासी रेडवानी बाला कुलगाम के रूप में हुई है।
- 9 अप्रैल: कुलगाम जिले के चेक-ए-समद इलाके में छोटी सी मुठभेड़ के बाद आतंकवादी सुरक्षाबलों को चकमा देने में कामयाब रहे।
- 10 अप्रैल: श्रीनगर के बिशेम्बरनगर इलाके में हुई एक मुठभेड़ में दो गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए।
- 13 अप्रैल: एक पाकिस्तानी कमांडर जमील पाशा और हाइब्रिड आतंकवादी समीर अहमद सोफी निवासी अम्शीपोरा, शोपियां सहित जैश के दो आतंकवादी, खुर बटपोरा कुलगाम में हुई एक मुठभेड़ में मारे गए।
- 14 अप्रैल: चार नए भर्ती किए गए उग्रवादियों की पहचान शोकीन अहमद थोकर, फारूक अहमद भट दोनों सुगन शोपियां के रहने वाले थे। आकिब अहमद थोकर और वसीम अहमद थोकर ये दोनों हेफखुरी शोपियां के रहने वाले थे। ये आतंकी बडिगाम शोपियां में हुई मुठभेड़ में मारे गए थे।
- 16 अप्रैल: आतंकवादियों ने अनंतनाग के कोकेरनाग के वत्नार इलाके में सुरक्षा बलों को चकमा देने में कामयाबी हासिल की। हालांकि शुरुआती फायरिंग में जवान नीशान सिंह शहीद हो गए।
- 22 अप्रैल: सुंजवां जम्मू में एक मुठभेड़ में दो गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए, जबकि इस दौरान सीआईएसएफ का एक जवान शहीद हो गया।
- 22 अप्रैल: बारामूला के मालवाह इलाके में एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर मोहम्मद युसूफ कांतरू समेत तीन आतंकवादी मारे गए।
- 23 अप्रैल: कुलगाम जिले के मिरहमा इलाके में हुई एक मुठभेड़ में जैश के दो गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए।
- 24 अप्रैल: लश्कर के तीन आतंकवादी आरिफ अहमद हजार उर्फ रेहान (लश्कर के शीर्ष कमांडर बासित के डिप्टी), अबू हुजैफा उर्फ हक्कानी (पाकिस्तानी) और श्रीनगर के खानयार निवासी नतीश वानी उर्फ हैदर, पाहू पुलवामा में हुए एनकाउंटर में मारे गए।
- 28 अप्रैल:दलीपोरा के एजाज हाफिज और धीरी मुरान के शाहिद अयूब के रूप में पहचाने गए अल-बद्र के दो आतंकवादी, मित्रिगम पुलवामा में हुई मुठभेड़ में मारे गए।
कहां पर हुए कितने एनकाउंटर, जनवरी में हुई थी 12 मुठभेड़
अवंतीपोरा सहित पुलवामा में 9 मुठभेड़, शोपियां में 8 मुठभेड़, श्रीनगर में 7 मुठभेड़, कुलगाम में 6 मुठभेड़, बडगाम, अनंतनाग और कुपवाड़ा में दो-दो मुठभेड़ों की सूचना मिली है। गांदरबल, बारामूला और जम्मू में एक-एक मुठभेड़ दर्ज की गई है। जनवरी 2022 में 12 मुठभेड़ हुई थी। इनमें कुलगाम जिले में तीन की सूचना मिली, जबकि श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा और शोपियां में दो-दो मुठभेड़ हुईं। इसके अलावा कुपवाड़ा जिले में एक मुठभेड़ की सूचना मिली है। फरवरी में शोपियां में तीन मुठभेड़ हुई, जबकि श्रीनगर और पुलवामा में एक-एक मुठभेड़ हुई थी। हालांकि, बाकी सात जिलों में कोई मुठभेड़ नहीं हुई। मार्च में, अवंतीपोरा सहित श्रीनगर और पुलवामा में तीन-तीन मुठभेड़ हुई, जबकि कुपवाड़ा और गांदरबल में एक-एक मुठभेड़ हुई थी। हालांकि, बाकी छह जिलों में महीने के दौरान शून्य मुठभेड़ हुई।