टिफिन में सलाद लेकर चलना हेल्दी आदत है या अनहेल्दी? आइए चैक करते हैं

ऑफिस स्कूल अब खुलने लगे हैं। वो पुराने टिफिन बॉक्स जो दो साल से पिछली अलमारी में चले गए थे, फिर से तैयार होने लगे हैं। यकीनन बाहर का खाना खाने की बजाए घर का बना खाना टिफिन में लेकर चलना एक हेल्दी आदत है। आप भी कोशिश करती होंगी कि दोपहर के भोजन के लिए एक अच्छा सा टिफिन पैक किया जाए, जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल हों। 

 साथ ही टिफिन बॉक्स (tiffin box) में क्या ऐसा पैक हो या जाए जो समय और मेहनत बचाने के साथ ही पोषण में भी भरपूर हों। इसी चाह में हम अक्सर फलों को काट कर बच्चों को टिफिन में भी दे देती हैं या फ्रिज में स्टोर कर लेती हैं। आज कल तो लोकल या ऑनलाइन डिलीवरी सर्विसेज के जरिए भी कटे हुए फल- सब्जियां (fruits and vegetables) खरीदना आसान हो गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस सेहत का ध्यान रखने के लिए आप फल को अपनी डाइट में शामिल कर रही थी क्या टिफिन में ले जाने पर वे वाकई आपके लिए फायदेमंद रह जाते हैं?

छिलके समेत फल खाना सेहत के लिए ज़्यादा अच्छा कटे फलों या सब्जियों को खरीदने से करें तौबा

फलों- सब्कोजियों काट कर रखने और खाने पर बात करते हुए ब्यूटी एंड वेलनेस एक्सपर्ट सुवर्णा त्रिपाठी बताती हैं कि फलों को काटने के तुरंत बाद खा लेना चाहिए। काट देने पर फल रोशनी और ऑक्सीजन के सीधे संपर्क में आते हैं जिससे फलों में विटामिन सी कम होने लगता है। इन्हें स्टोर करना भी पड़े तो सही तापमान और सही कंटेनर में ही स्टोर किए जाना चाहिए। रोशनी, तापमान, ऑक्सीजन और नमी में आई कमी, कटे हुए फलों के पोषक तत्वों में कमी और उनके खराब होने के सबसे बड़े कारण है। विटामिन सी, बीटा केरेटेनॉइड्स, एंटी ऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स और दूसरे पोषक तत्त्व, फलों को काटने के बाद ज़्यादा देर तक खुले रखने से नष्ट होने लगते। इसलिए कटे फलों को बाजार से खरीदने की सोच से भी तौबा करें और सेहतमंद बने रहें।

हर फल-सब्जी का स्टोरिंग टाइम होता है अलग-अलग

फलों को काटने से उनका रेस्पिरेशन रेट बढ़ जाता है, जिसकी वजह से उनमें कार्बनडाई ऑक्साइड रिलीज होता है और शुगर की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे फलों का रंग उसका टेक्श्चर सबकुछ प्रभावित होता है। फलों को काटने के दस मिनट के अंदर खा लिया जाना बेहतर है, पर अगर स्टोर ही करना है तो ग्लास या स्टील के एयरटाइट कंटेनर में रेफ्रिजरेट करके तीन से चार घंटे रखा जा सकता है जिससे फलों में मौजूद पोषक तत्वों को नष्ट होने से बचे रहें। हर फल को काटकर स्टोर करने का समय अलग होता है। यह कहना है ‘न्यूट्रीशनिस्ट- बिंदु बजाज का’।

Walnut salad hai healthyसलाद है हेल्दी अगर ताज़ा खाया जाए। चित्र:शटरस्टॉक

पचने में हो सकती है परेशानी

फल-सब्जियां प्राकृतिक रूप से छिलके से ढके होते हैं, जिसकी वजह से उनमें मौजूद विटामिन ए और ई भी बना रहता है। जब उन्हें काटते हैं तो यह सुरक्षा कवच भी उतर जाता है। फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जिसका मतलब है कि वे ऑक्सीजन के साथ रिऐक्ट कर सकते हैं, जिससे फलों को पचने में दिक्कत आ सकती है।

 फलों को ताजा ही खाएं 

मार्केट में मिलने वाले कटे फल, सलाद, फ्रूट एंड वेज सैंडविच आदि खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें संक्रमण और फूड पॉइज़निंग की पूरी-पूरी संभावनाएं रहती हैं। इतना ही नहीं कटे हुए फल बिना कटे फलों के मुकाबले जल्दी खराब होते हैं ऐसे में वे दिखने में भले अच्छे दिखें पर इनको खाने पर बदहजमी की शिकायत हो सकती है। फल काटकर या स्मूदी बनाकर खाएं तो ताजा खाएं।

फलों को काटने से उनमें मौजूद बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, फाइबर और मिनरल्स नष्ट हो जाते हैं। छिलके समेत फल खाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद रहता है। खाने से पहले उन्हें पानी की तेज धार में जरूर धोना चाहिए। बिना छीले फल खाने से उनमें मौजूद फाइबर की मात्रा भी बनी रहती है। सेब, गाजर और खीरा जैसी फल-सब्जियां तो बिना छीले खाने पर भी स्वादिष्ट तो लगती ही हैं। साथ ही स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहती है। ऐसा न करने पर फल कंटानिमेटेड होकर आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 फ्रूट कटर या स्टील टिफिन का करें इस्तेमाल 

अगली बार जब आप अपने लंच बॉक्स में फल पैक करें तो उनके साथ एक छोटा सा फ्रूट कटर भी रखें। फल काटकर बच्चों को दे रही हों तो ध्यान रखें लंच बॉक्स स्टील का ही हो वरना पैक गए खाने से से पोषण ही मिसिंग रहेगा। ध्यान रहे प्लास्टिक के टिफिन में फलों को रखना सेहत के लिए ठीक नहीं है इनमें फलों के खराब होने और उनमें मौजूद लाभदायक गुणों के कम हो जाने की संभावना बनी रहती है।

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