नई दिल्ली. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली(Virat Kohli), रोहित शर्मा(Rohit Sharma) से लेकर वॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया (Neha Dhupia)और प्रीति जिंटा(Preity Zinta) इनकी यूज्ड और प्री-ओन्ड कारों के दीवानें हैं. कभी इन्होंने सिर्फ 70 हजार रुपए से कारोबार शुरू किया था, आज इसी से 300 करोड़ रुपए बना लिए हैं. नाम है जतिन आहूजा(Jatin Ahuja) और यह बिग बॉय टॉयज (BBT, बीबीटी) के फाउंडर हैं.
जब अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के दौरान नए वाहनों, खासकर कारों की बिक्री लगभग शून्य पर आ गयी थी, तब भी करीब 13 करोड़ रुपए की 12 लग्जरी कारें बेच डालीं. बीबीटी के शोरुम्स गुरुग्राम के साथ-साथ मुंबई और हैदराबाद में भी हैं. योर स्टोरी को दिए विस्तृत इंटरव्यू में जतिन ने अपनी जर्नी बताई है. महज 23 साल की उम्र में जतिन ने वर्ष 2009 में बीबीटी शुरू की. इसका मकसद लक्जरी कारों को अधिक से अधिक लोगों के लिए सुलभ बनाना और हर तबके तक पहुंचाना था. लिहाजा सेकेंड हैंड कारों को लक्जरी काराें में कम कीमत में बदला जाता है.
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छठवीं में ही आ गया था कारों काे लक्जरी बनाने का आइडिया
जतिन बताते हैं कि कारों के लिए जतिन का पैशन अचानक से उठा कोई खयाल भर नहीं बल्कि सालों-साल से उनकी ज़िंदगी के करीब रहा. यही वजह है कि छठी क्लास में जतिन के दिमाग में इस बिजनेस का ख्याल आ गया था और 17 साल की उम्र में एक बिज़नेस वेंचर के रूप में खड़ा करने की कोशिशें शुरू कर दी थीं. चार्टर्ड अकाउंटेंट पिता के घर में जन्मे जतिन आहूजा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए किया. उन्होंने कार के नवीनीकरण में अपने कौशल का भरपूर इस्तेमाल किया और साथ ही अपने बिज़नेस मॉडल पर भी गंभीरता से काम करना शुरु किया. बिग बॉय टॉयज़ की शुरुआत जतिन ने अपने पिता से 70,000 रुपए की उधारी लेकर फिएट पालियो (Fiat Palio) से की और साल 2009 में दिल्ली में एक छोटा-सा स्टूडियो खोला. अब लगभग 150 लोगों की टीम जी जान से लगी हुई, जहां प्री-ओन्ड लग्जरी कारें वन स्टॉप डेस्टिनेशन पर आसानी से उपलब्ध हैं.
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मुंबई की बाढ़ में खराब हुई मर्सिडीज की कार के साथ हुई थी पहली डील
वर्ष 2005 में अपनी पहली डील में मुंबई बाढ़ में खराब हुई मर्सिडीज को उन्होने सही कर 25 लाख में बेचा था. इसके बाद जतिन ने कार के साथ-साथ नए मोबाइल नंबर पर भी ध्यान दिया और 2006 में फैन्सी मोबाइल नंबर की डिमांड को देखते हुए 1200 सिम कार्ड 99999 की सीरीज वाले खरीदे, जिनसे 24 लाख का बिजनेस किया और 2007 में उनकी कमाई का आंकड़ा 2 करोड़ तक पहुंच गया. जतिन ने प्री-ओन्ड लग्जरी कारों के बिज़नेस में उन दिनों कदम रखा था, जब प्रीमियम कारों के डीलर भारतीय बाजार में उतरने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन जतिन को अपने आप पर इतना भरोसा था कि उन्होंने बरसों से पनप रहे अपने पैशन को बिज़नेस में बदल दिया.
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6000 लोगों तक पहुंचा चुकें हैं कार
2009 के बाद जतिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और तब से अब भारत के अलग-अलग शहरों में 6,000 से भी अधिक लोगों तक अपनी कारें पहुंचा चुके हैं।. जतिन कहते हैं, बिक्री के लिए रखे जाने से पहले कोई भी बीबीटी कार 151-पॉइंट चेक लिस्ट से गुजरती है. कंपनी यह दावा करती है कि वह भारत में प्री-ओन्ड कारों के सबसे बड़े डीलर है और एशिया के सबसे प्रॉमिसिंग कार डीलर के रूप में बीबीटी को CMO एशिया, सिंगापुर द्वारा रेकगनेशन (मान्यता) भी मिल चुका है. बीबीटी में बीएमडब्ल्यू के साथ ही लेम्बोर्गिनी गैलार्डो, एवेंटाडोर, बेंटले जीटी / जीटीसी, रेंज रोवर्स जैसी कारों की मांग भी बड़ी तादात में हैं. कंपनी इन कारों के साथ-साथ अन्य लग्जरी ब्रांड जैसे रोल्स रॉयस, मैसेराटी, फरारी, एस्टन मार्टिन, लैंबोर्गिनी और बेंटले की प्री-ओन्ड कारें भी बेचती है.
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Tags: Automobile, Business opportunities, Success Story
FIRST PUBLISHED : February 19, 2021, 12:12 IST