सार
भारतीय सेना ने बेहतर सटीकता के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी से लैस इस एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली की दो नई रेजिमेंट खरीदने के लिए प्रस्ताव दिया है।
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विस्तार
दुश्मन विमान और ड्रोन्स को मार गिराने की अपनी क्षमताओं में इजाफा करने के लिए भारतीय सेना को एक प्रमुख मेक इन इंडिया समाधान मिलने वाला है। इसने आकाश प्राइम मिसाइल एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली की दो नई रेजिमेंट खरीदने के लिए प्रस्ताव दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया है कि प्रस्ताव सरकार के सामने एक उन्नत चरण में है। यह प्रस्ताव चीन और पाकिस्तान, दोनों की ओर से होने वाले हवाई हमलों के खिलाफ देश की एयर डिफेंस को और मजबूत करने में मदद करेगा।
इससे पहले सेना की पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी कमांड्स ने आकाश मिसाइल के वर्तमान संस्करण के लगभग एक दर्जन परीक्षण किए हैं। सभी के परिणाम शानदार रहे, जबकि इन मिसाइलों को हाल के संघर्षों के दौरान एक परिचालन भूमिका में भी तैनात किया गया था।
स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस है प्राइम
इस मिसाइल के मौजूदा संस्करण के मुकाबले आकाश प्राइम एक स्वदशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर से लैस है, यह बेहतर सटीकता प्रदान करता है। इसके अलावा यह अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में कम तापमान में अधिक बेहतर प्रदर्शन करती है।
आकाश हथियार प्रणाली के एक मौजूदा ग्राउंड सिस्टम को कुछ बदलाव के साथ इसमें भी उपयोग किया गया है। इस मिसाइल को 4500 मीटर की ऊंचाई तक तैनात किया जा सकता है और यह 25 से 35 किलोमीटर तक की दूरी तक निशाने को तबाह कर सकती है।