संकट में श्रीलंका: प्रदर्शनकारियों पर हमले के बाद पूरे देश में लगाया गया कर्फ्यू, राजधानी कोलंबो में सेना तैनात

सार

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सरकार समर्थकों की ओर से किए गए हमले के बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है और कोलंबो में सेना को तैनात किया गया है।

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अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे श्रीलंका में सोमवार को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू कर दिया गया। इसके अलावा राजधानी कोलंबो में सेना की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। यह कदम कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर सरकार समर्थक लोगों की ओर से हमला किए जाने के बाद उठाया गया है। इस में 23 लोग घायल हुए थे।

कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आने के बाद यह हिंसा भड़की थी, जिनमें कहा गया था कि महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री पद छोड़ सकते हैं। श्रीलंका इस समय राजनीतिक संकट का सामना भी कर रहा है। महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए एक अंतरिम प्रशासन का गठन करने के लिए दबाव बढ़ रहा है और लगातार प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि देशव्यापी कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से अगले नोटिस तक लागू किया गया है। इसके अलावा प्रदर्शन स्थल पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करने के लिए सेना की एक टुकड़ी को भी तैनात किया गया है। राजपक्षे भाईयों ने अभी तक अपने इस्तीफे की मांग को स्वीकार करने का कोई संकेत नहीं दिया है।

इससे पहले शुक्रवार को हुई विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति ने आपातकाल लागू करने का एलान किया था। एक महीने में यह दूसरा मौका था जब देश में आपातकाल लागू किया गया था। 

श्रीलंका में यह भीषण आर्थिक संकट देश में विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से बना है। इसका मतलब है कि देश खाद्यान्न और ईंधन के आयात के लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं है। इसके चलके द्वीपीय देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है और महंगाई भी आसमान छू रही है। नौ अप्रैल से पूरे देश में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर रहे हैं और सरकार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।

विस्तार

अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे श्रीलंका में सोमवार को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू कर दिया गया। इसके अलावा राजधानी कोलंबो में सेना की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। यह कदम कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर सरकार समर्थक लोगों की ओर से हमला किए जाने के बाद उठाया गया है। इस में 23 लोग घायल हुए थे।

कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आने के बाद यह हिंसा भड़की थी, जिनमें कहा गया था कि महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री पद छोड़ सकते हैं। श्रीलंका इस समय राजनीतिक संकट का सामना भी कर रहा है। महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए एक अंतरिम प्रशासन का गठन करने के लिए दबाव बढ़ रहा है और लगातार प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि देशव्यापी कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से अगले नोटिस तक लागू किया गया है। इसके अलावा प्रदर्शन स्थल पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करने के लिए सेना की एक टुकड़ी को भी तैनात किया गया है। राजपक्षे भाईयों ने अभी तक अपने इस्तीफे की मांग को स्वीकार करने का कोई संकेत नहीं दिया है।

इससे पहले शुक्रवार को हुई विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति ने आपातकाल लागू करने का एलान किया था। एक महीने में यह दूसरा मौका था जब देश में आपातकाल लागू किया गया था। 

श्रीलंका में यह भीषण आर्थिक संकट देश में विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से बना है। इसका मतलब है कि देश खाद्यान्न और ईंधन के आयात के लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं है। इसके चलके द्वीपीय देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है और महंगाई भी आसमान छू रही है। नौ अप्रैल से पूरे देश में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर रहे हैं और सरकार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।

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