सहारा प्रमुख को राहत: सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय की पेशी पर लगाई रोक, पटना हाई कोर्ट ने दिया था आदेश 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 13 May 2022 05:27 PM IST

सार

हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सहारा प्रमुख की याचिका पर न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने नोटिस जारी किया।

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को निवेशकों को पैसा लौटाने के मामले में16 मई को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा पारित अलग आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसने 11 फरवरी को सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज लिमिटेड और रॉय को उसके समक्ष लंबित जमानत याचिका में विरोधी पक्ष के रूप में जोड़ने का निर्देश दिया था और बाद में उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।

27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने रॉय को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। साथ ही सहारा समूह और अन्य कंपनियां द्वारा लगभग एक महीने पहले तक पैसा जमा करने को देखते हुए निवेशकों को धन वापसी के लिए एक योजना के साथ पेश होने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सहारा प्रमुख की याचिका पर न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने नोटिस जारी किया।

पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई 19 मई को निर्धारित की। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को सूचित किया कि इससे पहले हाई कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को 16 मई को सुबह 10.30 बजे राय को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। सिब्बल ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए थे, जिसका याचिकाकर्ता से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि कुछ निवेशकों ने हाई कोर्ट का रुख किया और कहा कि सहारा समूह ने उन्हें पैसा नहीं दिया और हाई कोर्ट ने फरवरी में आदेश पारित किया था। 

 

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को निवेशकों को पैसा लौटाने के मामले में16 मई को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा पारित अलग आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसने 11 फरवरी को सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज लिमिटेड और रॉय को उसके समक्ष लंबित जमानत याचिका में विरोधी पक्ष के रूप में जोड़ने का निर्देश दिया था और बाद में उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।

27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने रॉय को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। साथ ही सहारा समूह और अन्य कंपनियां द्वारा लगभग एक महीने पहले तक पैसा जमा करने को देखते हुए निवेशकों को धन वापसी के लिए एक योजना के साथ पेश होने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सहारा प्रमुख की याचिका पर न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने नोटिस जारी किया।

पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई 19 मई को निर्धारित की। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को सूचित किया कि इससे पहले हाई कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को 16 मई को सुबह 10.30 बजे राय को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। सिब्बल ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए थे, जिसका याचिकाकर्ता से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि कुछ निवेशकों ने हाई कोर्ट का रुख किया और कहा कि सहारा समूह ने उन्हें पैसा नहीं दिया और हाई कोर्ट ने फरवरी में आदेश पारित किया था। 

 

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