Aaj Ka Shabd Anyatha Bhawani Prasad Mishra Hindi Kavita Ab Kya Hoga Isey Soch Kar – आज का शब्द: अन्यथा और भवानीप्रसाद मिश्र की कविता अब क्या होगा इसे सोच कर

                
                                                             
                            हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है 'अन्यथा' जिसका अर्थ है 'नहीं तो; दूसरी अवस्था में।' कवि भवानीप्रसाद मिश्र ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है।
                                                                     
                            

अब क्या होगा इसे सोच कर, जी भारी करने में क्या है
जब वे चले गए हैं ओ मन, तब आँखें भरने में क्या है।
जो होना था हुआ, अन्यथा करना सहज नहीं हो सकता,
पहली बातें नहीं रहीं, तब रो-रो कर मरने में क्या है।

सूरज चला गया यदि बादल लाल लाल होते हैं तो क्या,
लाई रात अंधेरा, किरनें यदि तारे बोते हैं तो क्या,
वृक्ष उखाड़ चुकी है आंधी, ये घनश्याम जलद अब जाएं,
मानी ने मुंह फेर लिया है, हम पानी खोते हैं तो क्या।

उसे मान प्यारा है, मेरा स्नेह मुझे प्यारा लगता है,
माना मैंने, उस बिन मुझको जग सूना सारा लगता है,
उसे मनाऊं कैसे, क्योंकर, प्रेम मनाने क्यों जाएगा?
उसे मनाने में तो मेरा प्रेम मुझे हारा लगता है।

12 minutes ago

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