'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- झीना, जिसका अर्थ है- बहुत महीन, बारीक, जिसमें बहुत छेद हों। प्रस्तुत है गोरख पाण्डेय की कविता- झील में चाँदएक झीना-सा परदा था, परदा उठा
सामने थी दरख़्तों की लहराती हरियालियाँ
झील में चाँद कश्ती चलाता हुआ
और ख़ुशबू की बाँहों में लिपटे हुए फूल ही फूल थेफिर तो सलमों-सितारों की साड़ी पहन
गोरी परियाँ कहीं से उतरने लगीं
उनकी पाजेब झन-झन झनकने लगी
हम बहकने लगेअपनी नज़रें नज़ारों में खोने लगीं
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चाँदनी उँगलियों के पोरों पे खुलने लगी
उनके होठ, अपने होठों में घुलने लगे
और पाजेब झन-झन झनकती रही
हम पीते रहे और बहकते रहे
जब तलक हल तरफ़ बेख़ुदी छा गई
1 hour ago