नई दिल्ली. इन दिनों दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चर्चा में है. कभी एलन मस्क की वजह से तो कभी चीन…वजह चाहे कुछ भी हो लेकिन दुनियाभर में लोगों के जुबान पर क्रिप्टोकरेंसी का नाम है. भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी खूब सुर्खियां बटौर रही है. आज हम आपको ऐसे तीन भारतीयों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने क्रिप्टो की दुनिया में बहुत कम समय में अपनी पहचान बनाई और आज अरबपति बन गए हैं. ये नाम है- जयंती कनानी, संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन. आइए जानते हैं इनके बारे में…
ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म Polygon के को-फाउंडर्स हैं
ये तीनों ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म Polygon के को-फाउंडर्स हैं. पोलीगॉन को पहले Matic के नाम से जाना जाता था जिसकी स्थापना 2017 में की गई थी. यह इथेरियम ब्लॉकचेन पर आधारित है. इसकी मदद से decentralized apps तैयार किए जाते हैं. यह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम (ethereum) पर उच्च शुल्क और धीमी लेनदेन की समस्या को हल करने के लिए बनाया गया था.
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इथेरियम स्केलिंग और इन्फ्रा डेवलपमेंट का काम है
पॉलीगन प्लेटफॉर्म की मदद से आसानी से इथेरियम स्केलिंग और इन्फ्रा डेवलपमेंट का काम किया जा सकता है. यूजर्स इसकी मदद से ऐप भी तैयार कर सकते हैं. पॉलीगॉन के मूल टोकन, Matic का मार्केट कैप 2019 में की तुलना में $26 मिलियन से बढ़कर $14 बिलियन से अधिक हो गया है. इस क्रिप्टोकरेंसी में उनकी हिस्सेदारी 4-5 फीसदी के करीब है. वर्तमान वैल्युएशन के आधार पर वे भारत के पहले क्रिप्टो बिलिनेयर हैं. बता दें कि क्रिप्टो दुनिया में डेटा को सत्यापित करना मुश्किल है और ऐसे अन्य भारतीय भी हो सकते हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण धन अर्जित किया है जो सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं हैं.
जानिए कैसे शुरू हुआ यह सफर…
लाइव मिंट की एक खबर के मुताबिक, संदीप नेलवाल ने कहा है कि उनकी कंपनी कोविड -19 राहत के लिए अब तक $1 बिलियन से अधिक क्रिप्टो फंड जुटाई है. संदीप कहते हैं, मैं मूल रूप से दिल्ली से हूं. मेरे अन्य दो को फाउंडर मुंबई और अहमदाबाद से हैं. हमारा हेड आॅफिस बेंगलुरु में है. बकौल संदीप, मैंने इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है. उसके बाद मैंने दो साल तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. फिर MBA किया और आईटी में स्पेशलाइजेशन हासिल की. इसके बाद मैंने Deloitte में काम किया और फिर ई-काॅमर्स कंपनी Wellspun (जहां मैं सीटीओ था) में काम किया. इसके बाद फिर मैंने फ्लिपकार्ट की तरह ही एक वेबसाइट लॉन्च की.
ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के बारे में पढ़…
संदीप आगे कहते हैं कि मेरा कारोबार उतना बड़ा नहीं हुआ जितना मैं चाहता था. इसके बाद मैंने artificial intelligence और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया.मैं प्रोग्रामिंग में वापस गया और फिर मैं जयंती कनानी और अनुराग अर्जुन (दो अन्य को-फाउंडर्स) से मिला. कनानी एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर भी हैं और वह हाउसिंग.कॉम के साथ डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम कर रहे थे. बाद में उन्होंने गेम ऑफ थ्रोन्स (Game of Thrones ) के लिए एक वायदा मार्केट (prediction market)जैसे कुछ ऐप बनाने की कोशिश की. जिसे वे ग्लोबली पेमेंट सिस्टम में चाहते थे. वहीं, सस्अर्जुन एक सीरियल एंटरप्रेन्योर भी हैं. वह आईआरआईएस (IRIS) के साथ काम कर रहे थे, जो केंद्रीय बैंकों (Central Banks) जैसे संस्थानों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक सॉफ्टवेयर है. इससे पहले अर्जुन GST से जुड़ा स्टार्टअप लॉन्च कर चुके थे. संदीप आगे कहते हैं कि, हमारे चौथे सह-संस्थापक मिहेलो बेजेलिक, जो सर्बियाई मूल के हैं वे मैटिक के समान समाधान पर काम कर रहे थे. मैटिक से पॉलीगॉन में रीब्रांड करते ही वह पिछले साल हमारे साथ जुड़ गया. इस तरह हमारा कारोबार शुरू हुआ और आगे बढ़ते चला गया.
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FIRST PUBLISHED : May 28, 2021, 10:58 IST