सार
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में अमेरिका ने 612.714 बिलियन डॉलर सिर्फ विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में शोध के लिए खर्च किया था।
आज नेशनल टेक्नोलॉजी डे यानी तकनीक का दिन है। इसी दिन 1998 को भारत ने सफलतापूर्वक पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इस परीक्षण के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को अपनी तकनीक और विज्ञान का एहसास कराया। तभी से हर साल 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जाता है।
पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को आज 24 साल पूरे हो चुके हैं। इन 24 सालों में भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। आज पूरी दुनिया भारत की ताकत को जानती है। रक्षा, स्वास्थ्य हो या आम नागरिकों के जीवन स्तर का मामला, भारत ने हर क्षेत्र में काफी तरक्की की है। भारत की गिनती अब दुनिया के उन 20 देशों में होती है, जो तकनीक के मामले में काफी समृद्ध हैं। आइए जानते हैं सभी 20 देशों के बारे में…
रैंक |
देश |
01 |
जापान |
02 |
अमेरिका |
03 |
दक्षिण कोरिया |
04 |
जर्मनी |
05 |
सिंगापुर |
06 |
ब्रिटेन |
07 |
स्वीडन |
08 |
इस्राइल |
09 |
चीन |
10 |
स्विट्जरलैंड |
11 |
रूस |
12 |
कनाडा |
13 |
फिनलैंड |
14 |
नीदरलैंड |
15 |
नॉर्वे |
16 |
डेनमार्क |
17 |
भारत |
18 |
यूएई |
19 |
ऑट्रेलिया |
20 |
हॉन्गकॉन्ग (चीन) |
सोर्स : worldpopulationreview.com
तकनीक के मामले में दुनिया के देशों के बीच आगे जाने की होड़ मची है। भारत भी इस दौड़ में शामिल है, लेकिन इसके लिए खर्च होने वाले बजट पर सरकार ने कटौती शुरू कर दी है। 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को 14,217 करोड़ रुपये आवंटित किया है।
इसके मुताबिक, अब डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्लॉजी (डीएसटी) को 5,240 करोड़, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्लॉजी को 2,961 करोड़ और डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (डीएसआईआर) को 5,297 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2021-22 के मुकाबले इसमें 3.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। डीएसटी से रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. अमरेश वाजपेयी कहते हैं, ‘भारत में हुनर और क्षमता की कमी नहीं है। यहां दुनिया के सबसे तेज दिमाग वाले लोग हैं, लेकिन उन्हें उचित मौका नहीं मिल रहा है। विज्ञान और तकनीक के मामले में सरकार को ज्यादा से ज्यादा बजट देना चाहिए। तभी भारत हर क्षेत्र में मजबूत हो सकेगा।’
दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जिनका पूरा फोकस विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अमेरिका ने 612.714 बिलियन डॉलर सिर्फ विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में शोध के लिए खर्च किया था। इसके बाद चीन ने 514.798 बिलियन डॉलर, जापान ने 172.614 बिलियन डॉलर, जर्मनी ने 131.932 बिलियन डॉलर खर्च किए। भारत ने 2019 में 58.691 बिलियन डॉलर खर्च किये थे। यानी देश की कुल जीडीपी का 0.65% हिस्सा ही विज्ञान के क्षेत्र में सरकार ने खर्च किया।
रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में केवल 16.6% महिलाएं
देश में रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या काफी कम है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में एक सवाल का जवाब दिया गया है। इसमें बताया गया है कि देश में रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या 16.6% है। इस क्षेत्र में कुल 3.42 लाख लोग काम कर रहे हैं, इनमें महिलाओं की संख्या 56 हजार 747 है। हालांकि, सरकार ने यह भी बताया है कि इस क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं। आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों में भी छात्राओं की संख्या बढ़ाने की कोशिश हो रही है।
विस्तार
आज नेशनल टेक्नोलॉजी डे यानी तकनीक का दिन है। इसी दिन 1998 को भारत ने सफलतापूर्वक पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इस परीक्षण के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को अपनी तकनीक और विज्ञान का एहसास कराया। तभी से हर साल 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जाता है।
पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को आज 24 साल पूरे हो चुके हैं। इन 24 सालों में भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। आज पूरी दुनिया भारत की ताकत को जानती है। रक्षा, स्वास्थ्य हो या आम नागरिकों के जीवन स्तर का मामला, भारत ने हर क्षेत्र में काफी तरक्की की है। भारत की गिनती अब दुनिया के उन 20 देशों में होती है, जो तकनीक के मामले में काफी समृद्ध हैं। आइए जानते हैं सभी 20 देशों के बारे में…