दक्षिण भारतीय सिनेमा से शुरुआत करके हिंदी सिनेमा में धमाका करने वाली अभिनेत्रियों की लंबी फेहरिस्त रही है। इसी क्रम में तेलुगू फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ से लाइमलाइट में आईं जबलपुर की शालिनी पांडे अब यश राज फिल्म्स की अगली पिक्चर ‘जयेशभाई जोरदार’ में हीरो नंबर वन रणवीर सिंह की हीरोइन बनी हैं। परेश रावल के बेटे आदित्य रावल की ओटीटी फिल्म ‘बमफाड़’ में दिखीं शालिनी यश राज फिल्म्स की पिक्चर ‘जयेशभाई जोरदार’ से हिंदी सिनेमा में अपना बिग स्क्रीन डेब्यू करने को तैयार हैं। आइए उनसे जानते हैं उनकी अब तक की यात्रा के बारे में, उनके सपनों के बारे में और क्या प्रतिक्रिया रही उनके माता पिता की जब उन्हें पता चला कि उनकी बिटिया यश राज फिल्म्स की पिक्चर में हीरोइन बनने जा रही है…
’शालिनी का मतलब ताजगी का एहसास’
फिल्म ‘जयेशभाई जोरदार’ के निर्माता मनीष शर्मा को यश राज फिल्म्स की नई खोज शालिनी पांडे की खूबियों के बारे में पहले दिन से पक्का यकीन रहा है। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से शालिनी के भोलेपन को लेकर खूब बातें भी हो रही हैं। मनीष कहते हैं, ‘इस फिल्म के लिए हमें एक ऐसे चेहरे की तलाश थी जो एकदम नया हो। इस किरदार के लिए शालिनी का ऑडिशन इतना सहज और इतना सरल था कि हमें तुरंत पता चल गया कि यही वह चेहरा है जिसकी हमें तलाश है। शालिनी का मौजूद होना ही ताजगी का एहसास है। वह अपने काम को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं और हमें पूरा विश्वास है कि फिल्म ‘जयेशभाई जोरदार’ में वह देश दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहेंगी।’
’नहीं भूलूंगी यश राज फिल्म्स का एहसान’
ये तो रही फिल्म के निर्माता की बात। हर निर्माता अपनी फिल्म से पहले अपने कलाकारों की तारीफ करता ही है, लेकिन खुद शालिनी पांडे को यश राज फिल्म्स के लिए मौका पाना किसी सपने के सच होने जैसा लगता रहा है। वह कहती हैं, ‘एक कलाकार के रूप में यशराज फिल्म्स में मौका मिलना किसी भी कलाकार का सपना होता है। मैं खुद को इस फिल्म में काम मिलने के लिए भाग्यशाली समझती हूं। सोने पर सुहागा ये कि मुझे अपनी पहली ही बड़े परदे की हिंदी फिल्म में रणवीर सिंह जैसे सितारे के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। यश राज फिल्म्स का ये एहसान मैं कभी नहीं भूल सकती। मुझे शुरू से यकीन था कि रणवीर सिंह साथ होंगे तो बतौर कलाकार मुझे भी अपना सर्वोत्तम देना ही होगा। मुझे उनसे खूब प्रेरणा मिली है और अब इसका नतीजा सबके सामने बस आने ही वाला है।’
’मेरे ही नहीं पिताजी के भी सपने पूरे’
शालिनी ने अभिनय की शुरुआत मध्य प्रदेश में अपने शहर जबलपुर में रंगमंच से की। कम लोग ही जानते हैं कि अपनी पहली फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ में उन्होंने अपने संवादों के लिए तेलुगू भी सीखी है। ये शालिनी का समर्पण ही है जिसने यश राज फिल्म्स में सबको प्रभावित किया और शालिनी को यश राज फिल्म्स की तीन फिल्मों के करार का तोहफा इसी के चलते मिला। शालिनी बताती हैं, ‘मैं ही नहीं बल्कि हमारे घर वाले, रिश्तेदार और पास पड़ोस के लोग भी यश राज फिल्म्स की पिक्चरें देखते हुए बड़े हुए हैं। अभिनय के क्षेत्र में आने के बाद से ही मैं इस बैनर की हीरोइन बनना चाहती थी। मेरी इस कामयाबी को लेकर सबसे खुश मेरे माता, पिता हैं। पिताजी को फिल्में देखना बहुत पसंद है। उनके लिए मुझे ये मौका मिलना खास मायने रखता है।’
’अब और नहीं होता इंतजार’
शालिनी कहती हैं, ‘मैं महीनों से ‘जयेशभाई जोरदार’ की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं और मुझसे परदे पर दर्शकों के बीच बैठकर फिल्म देखने का इंतजार नहीं हो पा रहा। मुझे पता है कि ये एक अच्छी और बहुत ही स्पेशल फिल्म है, जिसे हमने बहुत प्यार और समर्पण के साथ बनाया है। बेशक, हर फिल्म प्यार और समर्पण के साथ बनाई जाती है, लेकिन चूंकि, ये बड़े परदे पर ये मेरी पहली हिंदी फिल्म है, इसके चलते मेरे लिए इसका अनुभव खास और भावनात्मक है।’