फिल्म इंडस्ट्री में इस वक्त बॉलीवुड बनाम साउथ सिनेमा विवाद चल रहा है। इसकी शुरुआत किच्चा सुदीप और अजय देवगन से हुई। इसके बाद महेश बाबू ने यह कहकर इस विवाद को बढ़ावा दिया कि बॉलीवुड उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता इसलिए वह हिंदी फिल्मों में काम करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं। वहीं अब भाषा विवाद में कंगना रणौत की एंट्री हो गई है।
महेश बाबू की बात से हूं सहमत
अभिनेत्री ने अपनी आगामी फिल्म ‘धाकड़’ के दूसरे ट्रेलर लॉन्च के दौरान कहा कि ‘यह बात सौ टक्का सही है कि बॉलीवुड महेश बाबू को अफोर्ड नहीं कर सकता। मैं महेश बाबू की बात से पूरी तरह सहमत हूं। हिंदी सिनेमा के ऐसे बहुत सारे निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी फिल्म के लिए महेश बाबू को अप्रोच किया है। लेकिन उन्होंने इन ऑफर्स को ठुकरा दिया।’
महेश बाबू की वजह से नंबर वन बना तेलुगू सिनेमा
कंगना रणौत आगे कहती हैं, ‘महेश बाबू और उनकी पीढ़ी के कुछ कलाकारों ने मिलकर आज तेलुगू सिनेमा को नंबर वन बना दिया है। उन्होंने अपने काम और अपनी इंडस्ट्री को महत्व दिया। हमें उनसे सिखना चाहिए।’
हॉलीवुड से करना होगा मुकाबला
वहीं जब कंगना से पूछा गया कि बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड के बजाय साउथ की फिल्मों के सफल होने के पीछे का कारण क्या हाे सकता है? तब अभिनेत्री ने कहा, ‘मैं हमेशा से साउथ फिल्मों की प्रशंसक रही हूं। मुझे लगता है कि हमें (भारतीय सिनेमा) को मिलकर हॉलीवुड की फिल्मों से मुकाबला करना चाहिए। क्योंकि अमेरिकन, जर्मन, इटालियन और फ्रेंच फिल्म इंडस्ट्री ने सबको खत्म कर दिया है, राख बना दिया है। इसलिए हमें इनसे बचना चाहिए, न की आपस में लड़ाई करनी चाहिए। साउथ, मलयालम, पंजाबी आदि रीजनल फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहिए।’