Work From Home की लग गई लत, कर्मचारी कह रहे- चाहे तो कम कर कर दो पगार, पर ऑफिस मत बुलाओ

हाइलाइट्स

55 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम जारी रखने के लिए कम सैलरी लेने को तैयार हैं.
सर्वे में हर आयु वर्ग के कर्मचारियों का नजरिया अलग-अलग है.
अमेरिकी अखबार ने सैंकड़ों कर्मचारियों की राय लेकर सर्वे किया है.

Work from Home: वर्ष 2020 में कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में दहशत मचा दी थी. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई देशों में सरकारों को लॉकडाउन जैसा कड़ा फैसला लेना पड़ा. इस दौरान ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की इजाजत दी. कोरोना प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद कंपनियां अब धीरे-धीरे इस व्यवस्था को खत्म कर रही हैं लेकिन कर्मचारी अब ऑफिस आने को तैयार नहीं हैं. वर्क फ्रॉम होम कर रहे इन एम्पलाइज ने तो यहां तक कह दिया कि सैलरी कम दे दो लेकिन ऑफिस मत बुलाओ.

अमेरिका में वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक सर्वे हुआ, जिसमें कर्मचारियों से इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी गई. इनमें फिलहाल स्थाई रूप से घर से काम कर रहे कर्मचारियों ने ऑफिस आने से साफ इनकार किया है और कहा कि वे इसके लिए कम वेतन लेने के लिए तैयार हैं.

अमेरिकी अखबार ने सर्वे में मांगी राय
वाशिंगटन पोस्ट और इप्सोस ने 18 से 64 वर्ष की आयु के बीच 1,148 फुल टाइम और पार्ट टाइम श्रमिकों के काम के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझने के लिए सर्वे किया, जिसमें रिमोट वर्क को लेकर उनकी राय जानना चाही. सर्वेक्षण के अनुसार, घर से काम कर रहे 188 कर्मचारियों में से 55 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि वे घर से काम करना जारी रखने के लिए कम वेतन वाली नौकरी कर लेंगे.

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वहीं, कुछ कर्मचारी सुविधाओं के साथ समझौता करने को तैयार हैं. वे चाहते हैं कि वर्क फ्रॉम होम छोड़कर ऑफिस आने के एवज में उन्हें बेहतर पैकेज मिले. रिमोट वर्क कर रहे 45 प्रतिशत कर्मचारियों ने वे कुछ दिनों के लिए ऑफिस जाने के लिए तैयार हैं, अगर उन्हें ज्यादा सैलरी वाली नौकरी की पेशकश की जाती है.

हर आयु वर्ग के कर्मचारियों की अलग-अलग राय
पोल के अनुसार, वर्क फ्रॉम होम को लेकर हर आयु वर्ग के कर्मचारियों का नजरिया अलग-अलग है. इनमें 18 से 26 वर्ष के बीच के केवल 29 प्रतिशत श्रमिकों का कहना है कि घर से काम करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं है, क्योंकि ज्यादातर काम केवल ऑफिस में ही किया जा सकता है. कुल मिलाकर अधिकांश कर्मचारी करीब 80 फीसदी, का कहना है कि वे ज्यादा पैसा मिलने पर सप्ताह में 1-2 दिन कार्यालय में जाएंगे.

अमेज़ॅन और सेल्सफोर्स जैसी कंपनियां अपने कर्मचारियों को कार्यालय लौटने के लिए आदेश जारी कर चुकी हैं. क्योंकि कुछ अधिकारियों का मानना ​​​​है कि ऑफिस में रहने से व्यक्ति के काम से उत्पादकता बढ़ेगी, रचनात्मकता बढ़ेगी और टीम सपोर्ट में सुधार होगा. हालाँकि, कुछ कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर कठोर रुख अपनाया हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि रिमोट वर्क “नैतिक रूप से गलत” है.

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ऑफिस बुलाने के आदेश पर विरोध की तैयारी
अमेरिका में कई कर्मचारी ‘इन रिटर्न-टू-ऑफिस’ के आदेश के विरोध की तैयारी में है. सिएटल में कुछ अमेज़ॅन कर्मचारी इस महीने के अंत में कंपनी के ऑफिस-टू-ऑफिस निर्देश के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. फरवरी में 2,000 से अधिक डिज्नी कर्मचारियों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सीईओ बॉब इगर के सप्ताह में 4 दिनों के लिए ऑफिस लौटने का विरोध किया गया.

दर्जनों स्टारबक्स कॉर्पोरेट कर्मचारियों ने एक ऐसी ही याचिका पर हस्ताक्षर किए थे. कुछ श्रमिकों का कहना है कि ऑफिस लौटने से उनके बैंक बैलेंस पर असर पड़ रहा है. क्योंकि उन्हें अब कपड़े, ऑफिस लंच और आने-जाने के किराए का भुगतान करना होगा. एक कर्मचारी ने तो ऑफिस वापस जाने से बचने के लिए अपनी लाखों रुपये की नौकरी छोड़ दी.

Tags: Coronavirus, Lockdown, Work From Home

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