Zerodha: एक-एक ग्राहक को फोन करके कामत खुद खोलते थे अकाउंट, अब कंपनी की वेल्यूएशन अरबों में

नई दिल्ली. ज़ेरोधा (Zerodha) के फाउंडर नीतिन कामत (Nithin Kamath) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनकी कंपनी इस समय भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंड ब्रोकर फर्म है. परंतु नीतिन और उनकी कंपनी के इस मुकाम तक पहुंचने में कई साल और कड़ी मेहनत लगी है.

नीतिन कामत जब 17 साल के थे, तब उनका परिचय स्टॉक ट्रेडिंग की दुनिया से हुआ था. शुरुआती दिनों में उन्होंने उसी तरह पैसा बर्बाद किया, जैसे कि हर नया ट्रेडर करता है. हालांकि बाद में उन्होंने शेयर मार्केट से ही कुछ पैसा कमाया भी. अपनी पढ़ाई के बाद वे ट्रेंडिंग की दुनिया में पूरी तरह उतर आए थे. बाद में बाजार क्रैश हुआ तो मजबूरी में उन्हें एक कॉल सेंटर में मात्र 8000 रुपये महीने की नौकरी भी करनी पड़ी.

सचिन बनकर खोलते थे लोगों के अकाउंट

नीतिन कामत ने खुद इस बात का जिक्र किया है कि अगस्त 2010 में जब उन्होंने ज़ेरोधा की शुरुआत की तो उनके पास टीम हायर करने के लिए पैसा नहीं था. शुरुआत में उन्होंने अपना नाम सचिन रखकर लोगों को कॉल करके सेल्सपर्सन की बात करते थे.

वह खुद सचिन के नाम से लोगों को फोन करते, उनसे अपॉइंटमेंट लेते और अकाउंट ओपनिंग के लिए फॉर्म भरवाने का काम करते थे. नीतिन ने खुद पर सेमीनार में कहा कि उन्होंने तकरीबन 500-600 अकाउंट खोले थे.

एक साल में खुले 1 हजार अकाउंट

नीतिन कामत चूंकि काफी समय से शेयर मार्केट से जुड़े हुए थे और बाजार की चाल को लेकर उनकी समझ काफी अच्छी थी, तो कई लोग उनसे सीधे संपर्क में थे. जब उन्होंने ज़ेरोधा शुरू किया तो शुरुआती एक हजार अकाउंट होल्डर्स को खुद ज्वाइन कराया. लगभग एक हजार अकाउंट खोलने में एक साल का वक्त लग गया.

सेल्फ-मेड अमीर हैं नीतिन और निखिल

नीतिन और निखिल दोनों कंपनी के को-फाउंडर हैं. नीतिन बड़े हैं और निखिल छोटे हैं. पिछले साल 2020 में IIFL वेल्थ और हुरुन इंडिया की 40 और उसके नीचे की उम्र के सेल्फ-मेड अमीरों की सूची में दोनों भाइयों को जगह दी गई. दोनों की संपत्ति तकरीबन 24 हजार करोड़ है.

Tags: Business empire, Corporate Kahaniyan, Share market, Successful business leaders

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